कैसी हो अम्मा?
इतना ही जो पूछें
पा जाती स्वर्ग।
-रामनिवास वाँयला
००००
बैठूँ किधर
ढूँढ रही माँ कोना
बेटे के घर
सपने चूर
बुढ़ापे की लाठियाँ
हाथों से दूर
-गुंजन गर्ग अग्रवाल
०००००
बच्चों पे बोझ
जब माँ बन जाती
धरा लजाती
-महेंद्र वर्मा ''धीर''
०००००
माता की याद
जीवन के आले में
दिये सी जली
-डॉ सरस्वती माथुर
०००००
माँ की गोद है
दुखों की बारिश में
इक छाता-सी
माँ को चुराते
थोड़ा-थोड़ा करके
बच्चे उसके
-डा० अनिता कपूर
०००००
अकथ्य पोथी
आदि से अनहद
माँ तीर्थंकर
-चंचला इंचुलकर सोनी
००००००
माता की गोद
आँचल लहराता
रक्षाकवच
-अलका गुप्ता
००००००
लौटा जो बेटा
बनी सावन भादों
पलकें माँ की
पढ़ लेती हैं
माँ की धुँधली आँखें
मन की बातें
-डा० राजीव गोयल
०००० |
माँ हुई राख
फिर भी न आया
कोख से जाया
-सन्तोष कुमार सिंह
०००माँ का आंचल
उदासी की धूप मे
घना बादल
-बुशरा तबस्सुम
०००००
माँ लोरी गाती
नत मस्तक होते
राग-रागिनी
-पुष्पा सिंघी
०००००
बेटों में बँटी
चीज़ें सभी घर की
माँ की दुविधा
-वीरेश कुमार अरोरा
०००००
रसोई घर
सुबह जाग जाता
माँ के आते ही
-महेन्द्र वर्मा
००००००
सम्पूर्ण सृष्टि
सिमटी माँ शब्द में
करुणा प्रेम
खिंची दीवार
हो गया बँटवारा
माँ विभाजित
-रीता ठाकुर
००००००
माँ सहलाती
सारी यादें बच्चों की
बक्से में रखी
मायका दूर
सावन में साथ है
माँ की चिठ्ठी
कभी न भूली
माँ की गोद की गंध
ममता सनी
-आभा खरे
०००००
माँ ही तो होती
ममता उड़ेलती
जो अब नहीं
- बाला शर्मा
१५ अक्तूबर २०१५ |