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आओ माँ |
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शेरों वाली मात हे!,सुन लो
जरा पुकार।
कर जोरें विनती करें, कर दो माँ उपकार।
कर दो माँ उपकार, सुखी हों सब नर नारी।
विपदा होवे दूर, पधारो सिंह सवारी।
दो भक्तों को दान, झोलियाँ भर दो खाली।
आये तेरे द्वार, मातु हे! शेरों वाली।
चुनचुन मोती सी गुँथी, बेला कलिका माल।
स्वीकारो माँ शारदे, अर्पित पूजन थाल।
अर्पित पूजन थाल, संग में दीपक बाती।
तुम्हें बुलाएँ मात, नेह की लिख लिख पाती।
दे दो माँ वरदान, दूर हो जायें दुर्गुण।
पायें उत्तम ज्ञान, हंस सम मोती चुन चुन।
माता हम बालक सभी, करते हैं आह्वान।
दुर्गा गौरी चंडिका, करो जगत कल्याण।
करो जगत कल्याण, मातु हे! सिद्धिदायिनी।
होय पाप का नाश, रूप धर काल यामिनी।
ब्रह्मचारिणी रूप, शुद्ध जीवन का दाता।
बालक रहे पुकार, शक्ति से भर दो माता।
- परमजीतकौर 'रीत'
१५ अक्तूबर २०१५ |
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