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अम्मा ने
भेजी है पाती |
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बेटा, पंडित जी कहते हैं
तुझ पर है ग्रह साढ़ेसाती
तेरा शनि है दशम भाव में
चौथे घर में राहु बसा है
जन्म कुण्डली के हिसाब से
कालसर्प की महादशा है
अजब-अजब सपने आते हैं
रात-रात भर नींद न आती।
विध-विधान सब समझाने को
पंण्डितजी फिर कल आएँगे
बेटा, जी छोटा मत करना
सारे संकट टल जाएँगे
बड़ा महातम है जप-तप का
क्या कर लेंगे ग्रह उत्पाती?
तेरी खातिर सब कुछ दूँगी
जो भी देना पड़े दान में
हफ्तेभर की छुट्टी लेकर
बस आ जाना अनुष्ठान में
राजी-खुशी रहे तू बबुआ
ठाकुरजी से रोज मनाती।
जान रहा हूँ मैं, पड़ोस की
चाची ने बहकाया होगा
उल्टी-सीधी बातें कहकर
अम्मा को भरमाया होगा
वरना खेत बेचने को
अम्मा कैसे राजी हो जाती।
- सत्यनारायण
२९ सितंबर २०१४ |
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