माँ
की नींद
जरा सा कुनमुनाते ही
जाने-अनजाने पहुँच जाता है हाथ
बच्चे की छाती तक
और गूँजने लगती है थपकियाँ .
थप्प थप्प।
थोड़ी ही देर में बच्चा
छाती से चिपटे।
दोबारा सो जाता है
बच्चे के रोने के पहले ही माँ
बच्चे को चुप कर देती है!
माँ रोज जागती है
गौरैया की नींद।
पिता
अक्सर घोड़े बेचकर सोते हैं।
२. लोरी
तानसेन का मल्हार
बैजू का दीपक
कुमार का ध्रुपद
मियाँ की तोड़ी
सबसे अच्छी .
माँ की लोरी।
३. एक और लोरी
सम के सम पर मिलते ही
लोरी युगलगीत हो गर्इ
माँ
सोती - सोती गाती रही
मुनिया
गाते - गाते सो गर्इ ।
मोहन नागर
३० सितंबर २०१३ |