मातृशक्ति की अनुपम छाया
मातृशक्ति की अनुपम छाया
से आच्छादित
यह जग सारा
देव यक्ष हो या मानव
माँ के बिना
नहीं कुछ संभव
प्रथम दृष्टया इसे समर्पित
यह जग सारा
बिन माता के इस जीवन की
नहीं कल्पना हो सकती
इसकी गोद से
हुई प्रवाहित
जीवन की पावन धारा
मातृ चरण में कर पाएँ यदि
सब अपना सर्वस्व समर्पित
खुशियों से
महके भूमण्डल
जन्म सफल हो जाए हमारा
- सुरेन्द्रपाल वैद्य
१५ अक्तूबर २०१२
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