अंजुमनउपहारकाव्य संगमगीतगौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहे पुराने अंक संकलनअभिव्यक्ति कुण्डलियाहाइकुहास्य व्यंग्यक्षणिकाएँदिशांतर

ममतामयी
विश्वजाल पर माँ को समर्पित कविताओं का संकलन

 

करती है माँ याद (हाइकु)

१.
दुखी हिरणी
खोजती है अपना
बिछुड़ा छौना

२.
मैया पुकारे
आँगन में खेले हैं
नन्द दुलारे
३.
खुश बहुत
यशोदा मैया, जन्मा
कृष्ण कन्हैया।

४.
सुबक पड़ी
माँ से विदाई की थी
निष्ठुर घड़ी।

५.
माँ का आँचल
ममता का सागर
दुआ लहरें।

६.
आई हिचकी
करती है माँ याद
बेटा विदेश।

७.
माँ तो सदैव
करती रही त्याग
थकी ही नहीं।

८.
भुलाता दुख
ममता का आँचल
देता है सुख।

९.
रात भर थी
बैठी माँ सिरहाने
सोई ही नहीं।

- भावना कुंअर
१९ मार्च २०१२


 

इस रचना पर अपने विचार लिखें    दूसरों के विचार पढ़ें 

अंजुमनउपहारकाव्य चर्चाकाव्य संगमकिशोर कोनागौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहेरचनाएँ भेजें
नई हवा पाठकनामा पुराने अंक संकलन हाइकु हास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतर समस्यापूर्ति

© सर्वाधिकार सुरक्षित
अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

hit counter