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          कोदंडधारी राम

 
कोदंड धारी अगम अशेष
रघुकुल मणि सुखदायक राम
कौशल्या के सुत श्री राम
जन जन मन अधिनायक राम

रघुनंदन मृदु आनंद कंद
रघुवर तिलक मग्न मुख चंद
हैं सहज कृपालु सदा सुंदर
कमल नयन मुख पर श्री वृंद

घट घट वासी पूर्णम काम
सकल विश्व गुणदायक राम

सरल सहज है विनयावत वे
परम ब्रह्म बल अतुलित हैं वे
कुल भूषण सब विधि अद्भुत हैं
लीलाधारी विगलित मन वे

उन्नत भारत शीश ललाम
पथ करते आलोकित राम

बरसों बरस रहे निर्जन में
सीता लक्ष्मण के संग वन में
दुष्टों के संहारक प्रभुवर
सत्ता का निर्मोह विजन में

रहे सदा निर्मल अविराम
सबके भाग्य विधायक राम

आदि अनंता करुणावेश
निर्गुण तत्व है सगुण विशेष
कहते मर्यादा पुरुषोत्तम
विधि का लिखना रहा था शेष

वीणा मृदुलम् पुलकित धाम
जय जय जय रघुनायक राम

- डा० रंजना गुप्ता
१ अक्टूबर २०२५

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