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       करो संहार तुम उनका

 
आसुरी वृत्ति है जिनकी करो संहार तुम उनका
तीर कोदंड पर धारो करो संहार तुम उनका

बहन बेटी की दृष्टि में जो गिरते ही चले जाते
नराधम हैं बहुत ये सब करो संहार तुम उनका

बचाओ सच्चे रिश्तों को न टूटे घर किसी का भी
जो डर हैं व्याप्त घर-घर में करो संहार तुम उनका

निराशाएँ मिटा दो, हो सृजन हर ओर आशा का
समय की क्रूरताएँ हैं करो संहार तुम उनका

भलाई बढ़ सके जग में बुराई मिट सके 'दीवान'
सभी बाधाओं से तारो करो संहार तुम उनका

- कमलेश कुमार दीवान
१ अक्टूबर २०२५

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