जलते रहो तुम दीप मेरे
जागृति की साध ले
सृष्टि की सौगात ले
सुर में ढ़ली आवाज़ ले
चलते रहो तुम दीप मेरे
जलते रहो तुम दीप मेरे
बाधा सभी तू काट दे
कर के प्रकाशित रास्ते
चित्त-वृत उन्नत करे
जय करो सौभाग्य मेरे
जलते रहो तुम दीप मेरे
कीर्ति ध्वजा लहरा सके
प्रतिपल प्रशस्ति ला सके
सफल यत्न सब पा सके
कर कृतार्थ सुर साज़ मेरे
जलते रहो तुम दीप मेरे
-रानी पात्रिक
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