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नैया मेरी

नैया मेरी बड़े मज़े की
लहरों पर झूला करती
काग़ज़ की वह बनी हुई है
फूलों का बोझा भरती

 



गुड्डे गुड़ियों को ले जा कर
है तालाब दिखा लाती
परवा' उसे न पतवारों की
बिन माझी आती जाती


—शंभु दयाल सक्सेना

 

 

 

नाचें ता-ता-थइया!

बादल भइया, बादल भइया,
आओ, नाचें ता-ता-थइया!

बंद पड़ी दादुर की टर-टर,
बहे पसीना झर-झर-झर-झर!
बछिया ढूँढ रही है मइया!
बादल भइया, बादल भइया,
आओ, नाचें ता-ता-थइया!

पिहू-पिहू कर मोर पुकारे -
आजा-आजा बादल प्यारे!
सूखे हैं सब ताल-तलइया!
बादल भइया, बादल भइया,
आओ, नाचें ता-ता-थइया!

काम ज़रा-सा कर दो ना,
झील-नदी सब भर दो ना!
ले लो मुझसे एक रुपइया!
बादल भइया, बादल भइया,
आओ, नाचें ता-ता-थइया!

हम नाचेंगे, हम गाएँगे,
अपनी नाव चला पाएँगे!
माझी गाएँ "हइया-हइया"!
बादल भइया, बादल भइया,
आओ, नाचें ता-ता-थइया!

-श्याम सखा श्याम



 

नाव हमारी


नाव हमारी पानी पानी
बहती जाती है मस्तानी

हमको अपने गाँव ले जाती
दूर दूर की सैर कराती

लेती कभी न दम
चलती है हरदम

— दीपिका जोशी 'संध्या'

 

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