एक
दिन किसी ने पूछा कि कब होती है
होली
उत्तर मिला जिस दिन रंग में
सराबोर हो जाए चोली
सभी भेदभाव भूल कर करें हँसी
ठिठोली
खुशियों से भर जाए सबकी झोली
समझ लो उस दिन है होली
या
फिर जिस दिन लगती हो
माँ बहनों की बोली
उठ ना पाए घरों से डोली
पिचकारी से रंग के बजाए छूटती हो
गोली
समझ लो उस दिन भी है होली
राजेश श्रीवास्तव
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