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राधा के गोरे गोरे गाल,
उस पे मोहन ने मल्यो गुलाल ,
हो , मोहन मुरली वाले ने, राधे, रंग में रंग डारी !
राधे रंग में रंग डारी....
खडी नन्द जू की उजरी अटारी ,
भोरी राधा लागे प्यारी प्यारी
मोहन मुरली वाले ने राधे रंग में रंग डारी
राधे रंग में रंग डारी.....
छम्म छम्म बाजे पायलिया
औ ' धिन्न धिन्न बाजे पखवाज
नाचें ताल दै, नगर की नारी, नाचे वृद्ध अरु बाल ,
मोहन मुरली वाले ने राधे रंग में रंग डारी
राधे रंग में रंग डारी.....
भींजी राधा काँपे हुई बेहाल
माँ - भाभी मैं तो पे निहाल !
जन जन नाच रहा दई ताल कि ,
मोहन मुरली वाले ने राधे रंग में रंग डारी
राधे रंग में रंग डारी.....
लावण्या शाह
१ मार्च २०१० |