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       होली में

खिली खिली सी हुई है बहार होली में
किसी का हो रहा है इंतजार होली में
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निगाहें हाट में जाती हैं देख आती हैं
सजे हुए से रँगीले बाजार होली में
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उड़ाओ रंग खुशी के हवाओं में सारे
गमों को करते चलो दरकिनार होली में
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कहीं पे लाल गुलाबी कहीं पे सतरंगी
बरसती प्रेम की देखो फुहार होली में
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हुए हैं किस तरह मस्ती में चूर हुरियारे
नशा है भांग का सब पर सवार होली में
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लगाओ प्यार से सबको गुलाल जी भरकर
न जिसका हो कभी भी कम खुमार होली में
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किसी के गाल हुए लाल चाल बहकी सी
किसी की हो रही हैं आँखे चार होली में
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रमा दिलों में रहे मस्तियाँ जवां हरदम
गुलाल प्यार की हो बेशुमार होली में

- रमा प्रवीर वर्मा
१ मार्च २०२४
   

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