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       मन फागुन फागुन

रंग देना तुम ऐसे रंग में
मन फागुन फागुन
हो जाए

टेसू का रंग पीत ख़ुशी का
हर सिंगार पिया मनभावन
लाल-गुलाबी, अनुरागी रंग
अधरों पर हों गीत सुहावन
लिख देना प्रिय, गीत प्रणय का
मन श्यामा-मधुवन
हो जाए  

नैनो की चितवन को रंगना
धरा-गगन सा मौन  समर्पण
होली की मदभरी साँझ में  
नव रंगों से रंजित आँगन
रंगो की घन-घटा रंगीली
मधु-रस मय सावन
हो जाए 

- पद्मा मिश्रा
१ मार्च २०२३
   

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