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        होली का संदेश

देता है संदेश भी होली का हुड़दंग
भेदभाव सब भूलकर रंगे सभी इक रंग
जरा सा समझ इशारा
जोगिरा सा रा रा रा

कुदरत सज धज कर खड़ी रंगीला संसार
लाल गुलाबी फूल ज्यों धरती का शृंगार
खेल रहा होली गगन देख धरा के संग
सुहाना हुआ नज़ारा
जोगिरा सा रा रा रा

फागुन की पुरवा बही साथ बही है प्रीत
मौसम की मनुहार पर प्रेम गया फिर जीत
सभी नशे में धुत्त हैं बिन मदिरा बिन भंग
हृदय ने प्रेम उचारा
जोगिरा सा रा रा रा

धूम मचाती टोलियाँ धरा मिठाई थाल
गरमा गरम कचौड़ियाँ ठण्डाई तर माल
कहीं झूमता फाग है कहीं नाचता चंग
दृष्टय ये कितना प्यारा
जोगिरा सा रा रा रा

जले होलिका पाप की देखो अबकी बार
नियत सार्थकता तभी पायेगा त्यौहार
सबके अन्तस में बहे पुण्य भाव की गंग
सकारात्मक जग सारा
जोगिरा सा रा रा रा

- निशा कोठारी
१ मार्च २०२३
   

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