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        रंगों का त्योहार

रंगों का त्योहार
फागुन खड़ा हमारे द्वार
होली आई है खुशियाँ लाई है

घर आँगन गुलज़ार
आपसी प्रेम, बढ़ाना प्यार
क़सम ये खाई है होली आई है

खेलेंगे हम संग
हाथ में ले गुलाल औ रंग
खुमारी छाई है होली आई है

छाया हुआ बसंत
बज रहा चारों तरफ मृदंग
संग शहनाई है होली आई है

लाना सबको संग
साथ सद्भावनाओं के रंग
मिटानी खाई है होली आई है

- जिज्ञासा सिंह
१ मार्च २०२३

   

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