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फुदकी चिड़िया डाल पर,
करती दिखी धमाल
सब मित्रों को ट्वीट कर, पूछ रही है हाल
भ्रमरों ने खुलकर किया, कलियों को ईमेल
बैठी चिड़िया डाल पर, देख रही सब खेल
फूल खिले चिड़िया हँसी, करने लगी किलोल
बासंती आनन्द का हरपल है, अनमोल
संग हमारे बैठ आ गा री, चिड़िया गीत
बासंती ऋतु में लगे, हर कोई मन मीत
चिड़िया खुश है देख कर, रंग बिरंगे फूल
हरी लचकती शाख पर, गई प्रेम से झूल
पर फैला चिड़िया उड़ी, देख नदी की धार
खुश होकर करने चली, अपनी आँखें चार
मौसम सुरभित हो गया, किसने घोली गंध
चिड़िया मादक भाव पर, लिखने चली निबंध
पर फैला चिड़िया उड़े, मन में उठे उमंग
बाग बगीचों में गया, कौन डाल कर रंग
मदमाया महुआ उधर, इधर खिली कचनार
मौसम की मादक छटा, चिड़िया रही निहार
फुनगी पर बैठी उतर, आसमान से धूप
चिड़िया नयनों में भरे, उड़-उड़ दृश्य अनूप
- मनोज जैन मधुर
१ मार्च २०२३ |