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गुलाब होली में

दे गया माहताब होली में
मुस्कुराकर गुलाब होली में

लोग होशोहवास खो देंगे
जब उठेगा नकाब होली में

ढाई आखर लिखा है जिसमें वो
पढ़ गये हम किताब होली में

पूछता है मिजाज कैसा है
करके खाना खराब होली में

शाम होते ही ताब खो देगा
देखना आफताब होली में

उम्र अपनी छुपा रहे हैं लोग
क्यों लगाकर खिजाब होली में

रात गुजरेगी तेरी थाने में
तूने गर पी शराब होली में

तन बदन से शबाब यों टपके
जैसे छलके शराब होली में

- राम अवध विश्वकर्मा
१ मार्च २०२२
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