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होली
: कहमुकरी |
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१.
आज हुआ वो बडा रंगीला
लाल, हरा औ नीला, पीला
रंग दी मेरी चूनर कोरी
ऐ सखि साजन? नहिं री होरी।
२.
उसने ऐसा रंग उलीचा
तन-मन सारा कीचम-कीचा
दूर खड़े मुझमें दे मारी
ऐ सखि साजन? नहिं पिचकारी।
३.
कैसे देख आम बौराया
मुझ पर कैसा जादू छाया
तुझे किसीने भाँग पिलाया?
नहिं री सजनी, फागुन आया।
४.
आज बड़ा ही मचा धमाल
जिसको देखो लालम-लाम
नया साल-सा लगता मुझको
चढ़ गयी भँगिया, लगता तुझको।
५.
देखो जिसके गाल चूमता
चुनरी दिखती, बहुत लूमता
समझ न आए उसकी चाल
ऐ सखि साजन? नहीं गुलाल।
- पवन प्रताप सिंह 'पवन'
१ मार्च २०२० |
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