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रंग चढ़ जाए कोई

रंग चढ़ जाये कोई, दिल पर अगर
होली का हो जाये, कुछ ऐसा असर

जाति मजहब, धर्म की खाई मिटे
खत्म हो जाये, दिलों का भी ज़हर

क्या बुरा औ" क्या भला चेहरा कोई
हो भले की चाह, रंगीं हो सफर

रंग सारे हैं, गज़ब सबकी जबाँ है
हँस रहे हैं फूल, गाती है लहर

दौर है बेरंग, बेढंगा सफर है
रंग भर लो यार, छोटी सी डगर

- उमेश मौर्य
१ मार्च २०२०

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