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होली में

कड़वाहट की बर्फ पिघलती होली में
नफ़रत की दीवार दरकती होली में

स्नेह भरा अंदाज सुहाता है सबको
यौवन की रसधार निखरती होली में

ओंठो पर मुस्कान खिली देखो सुन्दर
रंगों की जलधार बरसती होली में

नव पल्लव के साथ बदल जाता मौसम
मुस्काता हर फूल महकती होली में

देख रहे हैं नयन प्रीत के मृदु सपने
अलसाई हर देह थिरकती होली में

मस्त बना माहौल मिटे शिकवे सारे
उड़ते रंग गुलाल सरसती होली में

नए नए पकवान सभी मिलजुल खाते
स्नेहसिक्त हर बात छलकती होली में

- सुरेन्द्रपाल वैद्य
१ मार्च २०२०

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