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होली पर |
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मन की हर दीवार गिराना होली
पर
भूली राहें गले लगाना होली पर
रंग लगाने आना-जाना होली पर
रूठे खिड़की-द्वार मनाना होली पर
रंग-वंग तो ठीक, शरारत से अपनी
कभी कोई दिल नहीं दुखाना होली पर
ताल धनक की, दिल की घूमर, चंग खुशी
लौट आए वो दौर पुराना होली पर
कहीं किसी चेहरे पे तब्बसुम ले आना
'रीत' कोई तो रीत निभाना होली पर
- परमजीत कौर रीत
१ मार्च २०२० |
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