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   बेरंग

रंगों के मौसम में अक्सर
मन बेरंगा क्यों हो जाता.?

पत्तों पत्तों में मधुबन है
कोमल कोमल हर कानन है
विधि ने ढरकाए इंद्रधनुष
पीला बासंती आँगन है

उर्मिल मलयानिल के घर में
पंगा सबसे क्यों हो जाता?

उचटी उचटी सी दृष्टि सही
सिमटी सिमटी सी सृष्टि रही
बिनबोले ही मिलना तुमसे
अनदेखी अँसुवन वृष्टि रही

ख़ारिज है क़लम किताबों से
ये प्रेम कहाँ पर खो जाता

उलझे उलझे अनुवाद रहे
कुछ जटिल देह संवाद रहे
मध्यम सुर में कोयल रोई
रंगों के तीखे बाण सहे

संग बहते हुए हवाओं के
क्या कोई बादल हो जाता?

मतलब क्या झूठी चाहों का
बिंदास लिपटती बाँहों का
हरकारा एक समय का है
जो रहा शिकारी राहों का

मीलों के पत्थर गिनने से
क्या सरल रास्ता हो जाता?

- रंजना गुप्ता
१ मार्च २०१९

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