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महकी फागुन की तरुणाई

महकी फागुन की तरुणाई
सज धज कर निकला ऋतुराज
हाथ फेर कर सब पत्तों पर
हवा बजाये
रुनझुन साज

टहनी टहनी पुलकित होकर
छोड़े पीत वसन का पाश
तना तिनका हुलसे हुमके
शाखाओं में है उल्लास
डाल-डाल पर यौवन झलका
कोयल कूके
खोले राज

मदहोशी में बहीं हवायें
कलियाँ छेड़ें अभिनव राग
नये सृजन की मधुबेला में
हरिअर पत्ते गाते फाग
कुसुम कुमुदनी सोंहर गाये
नाचे झूमे
थिरके साज

- त्रिलोचना कौर
१ मार्च २०१८

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