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बात खिलते रंगों की

दिन है प्यारा हँसी- ठिठोली मस्ती का
आज बात कर केवल खिलते रंगों की

रंग बिरंगे हँसते फूल"- हवाओं में
रंग हर तरफ हँसते उडते झरते हैं
जिसका मुखड़ा जितना प्यारा लगता है
ये उनसे वैसी ही बातें करते हैं
जिनके कुछ भी रंग
नहीं हैं जीवन में-
बात न कर ऐसे रूखे बेढंगों की

होली का मतलब आपस के रिश्ते हैं
रंग दिलों को पुल सा जोडा करते हैं
अलग अलग दो रस्ते शहरों से निकले -
उनको चौराहे पर मोडा करते हैं
रंगों पर मजहब को
मत हावी तू कर
मत घुसपैठ मचाने दे कुछ दंगों की

हँसी खुशी से मिलकर वक्त गुजारा कर -
क्या रखा है कडवी रूखी बातों में
रंगों की आभा मैं इन्द्रधनुष बन जा--
सबको बाँट महक अपनी सौगातों में
देख जिन्दगी एक खिला
गुलदस्ता है
जिसमें महक भरी है कुछ बहु रंगों की

- कृष्ण भारतीय 
१ मार्च २०१८

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