रुख पे मलकर
गुलाल होली में
कर गई वो निहाल होली में
भूलकर दुश्मनी गले मिलना
ये भी देखे कमाल होली में
भाई चारे के साथ रहना सीख
मत खड़ाकर बवाल होली में
उसने हँसकर कहा मियाँ सुन लो
गल न पायेगी दाल होली में
एक चिड़िया को फाँसने के लिये
वो बिछाते हैं जाल होली में
आँख भरकर मुझे नहीं देखा
रह गया ये मलाल होली में
आज हुड़दंगिये मचायेंगे
भाँग खाकर धमाल होली में
- राम अवध विश्वकर्मा
१ मार्च २०१८ |