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होली की सौगात

ढोल नगाड़े भेज रहे
होली की सौगात

मीठ लगे महुआ गदराया
ढीठ खिले फूलों की माया
पवन झकोरे मन की काया
हल्दी चढ़ा प्रिया के गात

धरती ओढ़ी चूनर धानी
गाछ छोड़ते पात पुरानी
वसंत ने भर दिया रवानी
आँखों उतरा रंग‍-प्रभात।

तरकस वाणों से भरा अनंग
बेसुध हो नाचे मन मलंग
चन्दन से जा लिपटा भुजंग
हरितिमा सँवारे पात पात

- सुरेश पण्डा
१ मार्च २०१७

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