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होली में

हर मन को वश में कर लेता
रंगों का जादू होली में

वासंती मौसम का अवसर
आकर्षित करता है सबको
काबू में कैसे रख पाएँ
बतलाओ इस चंचल मन को

भरते जाते स्वप्न सुनहरे
आकांक्षाओं की झोली में

जीवन के खट्टे मीठे से
अनुभव साथ लिए यादों में
बीत रहा है हर पल ऐसे
भूले बिसरे से वादों में

भावों की रंगीन छटाएँ
छा जाती सूरत भोली में

हाथों में पिचकारी लेकर
मदमस्ती में कदम बहकते
भाव शरारत के मुखड़े पर
निकल पड़े बस्ती में हँसते

रंग बिरंगे फूलों जैसे
घुले मिले सब हैं टोली में

- सुरेन्द्रपाल वैद्य
१ मार्च २०१७

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