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उतर गए दस्ताने

मौसम ने
हाथों को झटका
उतर गए दस्ताने
उजियारे में लगे नहाने
रंग सभी मस्ताने!

नथनी ने
छूकर ओंठों को
उनसे मीठा रंग ले लिया
इधर-उधर
लहराकर थोड़ा
गालों को यह रंग दे दिया

कानों के बाले इसको ले
लगे झूलकर गाने!

अँखियन में
हैं जल उठे दिए
खुसियन के सोंधे रंग लिए
बगियन में
खेलि रहे लल्ला
मन में सनेह की जंग लिए

सबकी महतारी धरती ने
दिए गंध भर दाने!

- रावेंद्रकुमार रवि
१ मार्च २०१७

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