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फागुनी रंगत भरा मौसम

फागुनी रंगत भरा
मौसम मिलेगा
गीत थिरकेंगे जुबाँ पे
स्वर जिलेगा

रंग फूलों ने बिखेरे
धूप चिलमन
तृण, हवा प्रतिकूल, पिघले
भास्कर मन
रास रचती क्यारियाँ
मधुवन खिलेगा

आग जंगल में लगी, सखि
फाग डोले।
प्रीत ने पहने वसन
अनुराग घोले
अंग अंग में उमंग
क्षोभ हर लेगा

लाल पीले रंग नीले
आसमानी
नेह के खुश रंग लगते
रातरानी
शत सुमन, कलियाँ हँसीं
पतझड़ हिलेगा

रंग में भीगे हुए
सपने चुटीले
कुछ खनकते, कुछ बिखरते
भाव गीले
है छबीला बालपन
हठ रंग से गा

- शशि पुरवार
१५ मार्च २०१६

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