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होली है!!


धूम मची होगी होली की


सोच रहा बैठा मन मारे
बेड़ी डाले पाँव में
धूम मची होगी होली की
दूर हमारे गाँव में

महुआरी में टपकी होंगी
खुशबूभरी गिलौरी।
गूलर की शाखों पर रक्खी
होंगी लाल फुलौरी

बाँधे होंगे सौ-सौ घुँघरू
अरहर ने करिहाँव में

फगुनाहट ने बदले होंगे
सम्बन्धों के तेवर।
नयी नवेली को बाबा में
दिखते होंगे देवर।

दो पल को फँस जाते होंगे
दुःख उत्सव के दाँव में

हेल मेल के रंगों वाला
झोला लिए बिसाती
"सदा अनंदु रहै यहु टोला"
फाग टोलियाँ गाती।

इन दृश्यों से वंचित उलझा
साधो काँव-काँव में

-रामशंकर वर्मा
१७ मार्च २०१४

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