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होली है!!
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रंगत उड़े बयार
में |
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रंगत उड़े बयार में खुशबू
हरसिंगार
टेसू मन में रंच गए, सुंदर बंदनवार
ओढ़े चूनर थी ठगी, सरसों बारम्बार
खेत अचानक रंग गए, मलयानिल बौछार
फाग नहाई रुत हुई, जीवन जगा बसंत
पिया मिलन की आस में, चकवी उड़ी दिगंत
द्वार सजाने आ गए, नन्हें बाल सुसंग
वासंती सन्देश है, मन में बजे मृदंग
टेसू तन मन रंग रहे, मुख पर चढ़े उमंग
आज बुनेगा प्रेम फिर, नूतन प्रणय प्रसंग
मंजुल भटनागर
१७ मार्च २०१४ |
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