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होली है!!


आओ हम भी रंग लगाएँ


आओ हम भी
रंग लगाएँ, रंगों के त्यौहार में
पल में सदियों को जी लें हम,
रंगों की बौछार में

साँझ उतर आयी
धरती पर, सुरमई-से शृंगार में
नभ से छिटक-छिटक कर लाली, छाई हर घर द्वार में
खो जाएँ हम तुम संग मिलकर,
रंगों के अभिसार में

इन्द्रधनुष के
सतरंगी रँग, लेकर अपने साथ में
शहनाई हर द्वारे गूँजी, नूपुर ध्वनि सौगात में
आज भिगो दें तन-मन सारा,
रूप रंग रस प्यार में

अब भी आते
निशिदिन कान्हा, बृज में अपने रास में
मुरली की धुन सनुकर राधा, नाचा करती पास में
शुक्ल-कृष्ण रंग में मिल जाए,
डूबे सब अभिसार में

प्राण मिलें
जैसे प्राणों से, कई सदी के बाद में
तदाकार हो जायें हम तुम, बहें
रंग की धार में

-सुरेन्द्र शर्मा
२५ मार्च २०१३

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