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होली है!!


ऐसे फागुन आएँ


ओ भाई,
ऐसे फागुन आएँ
जो न गाए गीत, गाए हो रीत खूब बतियाए
ओ भाई, ऐसे फागुन आएँ

दरक गई है
प्रीत परस्पर ढूँढे मिले न मन के मीत
हारे हुये, समय के संग संग
कहाँ मिली है सबको जीत
दुख सुख साथ साथ चलते हैं
हम सबको ललचाएँ

नये सृजन हों,
नव आशाएँ, नए रंग हों नव आभाएँ
नया समय है, नव विचार से
पा जाएँ हम नई दिशाएँ
कोई न छूटे संगी साथी
साथ साथ चल पाएँ

-कमलेश कुमार दीवान
२५ मार्च २०१३

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