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होली है!!
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आ गया फागुन |
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ऐ हवा,
रंगों नहाओ, आ गया फागुन।
धूम मौसम की मचाओ, आ गया फागुन।
देश से रूठी हुई है, रात पूनम की।
चाँद को जाकर मनाओ, आ गया फागुन।
देख कितने वन चमन के, फूल आतुर हैं।
नेह न्यौता देके आओ, आ गया फागुन।
ऋतु बसंती सँग मुदित हैं, बाल बगिया में।
झूलना उनका झुलाओ, आ गया फागुन।
साज हैं, सरगम भी है, तैयार हैं घुँघरू।
तुम सखी, शुभ गीत गाओ, आ गया फागुन।
खग, विहग-वृंदों के जाकर, कान में कह दो।
मोर कोयल को जगाओ, आ गया फागुन।
राह तकती तरुणियों के, गाल हैं कोरे।
प्रिय कहाँ है, ढूँढ लाओ, आ गया फागुन।
छीन ली हैं मस्तियाँ, शहरों ने गाँवों की।
मौज बनकर गाँव जाओ, आ गया फागुन।
तान पिचकारी खड़ी है, द्वार पर होली।
प्रेम की गंगा बहाओ, आ गया फागुन।
-कल्पना रामानी
२५ मार्च २०१३ |
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