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होली है!!
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होली का
हुड़दंग है (दोहे) |
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होली का
हुडदंग है, भ्रमर –कली का रास।
राधा के मन में जगी, श्याम–मिलन की आस।
तन–मन को अनुराग से, भरे फाग त्यौहार।
आपस में मस्ती करें, नाते-रिश्तेदार।
फागुन का त्यौहार यों, छेड़े मन के तार।
बादल बिन तन पर गिरे, रंगों की बौछार।
होली के त्यौहार में, अजब-गजब के रंग।
नेता –अफ्सर नाचते, पी कर रिश्वत भंग।
होली यह कहती सदा, मन की पीड़ा त्याग।
मस्ती में रम कर रहो, जमकर खेलो फाग।
खड़े–खड़े देखें चकित, ‘मोहन’ लिए गुलाल।
‘राधा’ के तो हो गए, लाल लाज से गाल।
-हलीम आईना
२५ मार्च २०१३ |
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