होली है
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फागुन आया |
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फागुन आया, तुम ना आए, यादों की
कहानी दिल में है
जो जख्म मिले थे बिछुड़न के, उसकी भी निशानी दिल में है
इक तड़प मिलन की ले करके जब जब आता ऋतुराज यहाँ
जीने की भी है मजबूरी पर प्यास पुरानी दिल में है
सुख-दुख, औ मिलन-जुदाई तो आते रहते यह सुना बहुत
सहरा-सा जीवन है फिर भी लोगों की जुबानी दिल में है
जब प्रियतम पास नहीं होते फागुन का रंग लगे फीका
आँगन के खालीपन में भी जीने की रवानी दिल में है
कोयल की मीठी कूक यहाँ, इक हूक जगा देती अक्सर
खुशबू के सुमन गले मिलते वो घड़ी सुहानी दिल में है
श्यामल सुमन
५ मार्च २०१२ |
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