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होली है

 

दुनिया मना रही होली

आज दुनिया मना रही होली
शोर फिर से मचा रही होली

मीठी रस्में निभा रहे हैं कुछ
गालियाँ भी निभा रही होली

मैल मन का जला नहीं अब तक
कब से दुनिया जला रही होली

साल दर साल बदलते चेहरे
अक्स कितने मिटा रही होली

डिस्को पब हो गया है कल्चर जो
फाग-होरी भुला रही होली

मानोशी चैटर्जी

५ मार्च २०१२

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