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होली है

 

होली में

मिल गए तुम जो यार होली में
खूब बरसेगा प्यार होली में

होशियारी हो कम-से-कम इतनी
हों न हम शर्मशार होली में

चाहतों का गुलाल बिखरेगा
हर तरफ, बेशुमार, होली में

दुश्मनो ! आओ, तुमको पहना दें
अपनी चाहत के हार होली में

हमने हर रास्ते में देखी है
इक अनोखी बहार होली में

जितनी कड़वाहटे हों मिट जाएँ
कर मुहब्बत के वार होली में

कोई तो है जिसे पुकारता है,दिल
"हुमा" बार-बार होली में .-

-हृदयेश शुक्ल "हुमा" कानपुरी 
५ मार्च २०१२

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