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होली है

 

होली हाइकु

खिलती हीली
फुहार रंगमयी
इंद्र धनुष

पीकर भंग
मस्ती में हुड़दंग
बाजे मृदंग

-अरविंद चौहान


 

बही बयार
फाल्गुन की दस्तक
है द्वार -द्वार

होली जलाएँ
गले मिल सबके
द्वेष मिटाएँ

पीली सरसों
झूमती इठलाये
फाग सुनाए

-अरुणा सक्सेना
 

 

ले टेसू फूल
यमुना जी के कूल
भीगे दुकूल

श्याम रंग है
राधे कौन संग है
गोप-वॄंद है

-प्रेमलता पांडेय
 

 

फिर से उड़े
आसमान में रंग
हो गए दंग

रंग के बाद
आलू, पूरी, जलेबी
लगती स्वाद

- रेखा राजवंशी



 

एक रंग में
अमीर व गरीब
आज के दिन

रंगीन धरा
बेनूर झोपड़ी थी
आज होली थी

-रचना श्रीवास्तव


खिले पलाश
अंबुआ की बहार
फागुन आया

रंगों की होली
मिलन का त्यौहार
गुझिया खास

- शशि पुरवार

 

रंग प्यार के
तन - मन पे छाए
देख आ कर

रंगीली होली
लगती है फरिश्ता
जोड़ा है रिश्ता

-मंजु गुप्ता

खेलत होरी
चुनरी रंग बोरी
गाँव की गोरी

रंगों का ज़ोर
कान्हा संग राधिका
है सराबोर

मुख गुलाल
पैरों में थिरकन
होश सँभाल

है चहुँओर
होली का हुड़दंग
मचा है शोर

-मीना अग्रवाल
 


 


अंग-अंग में
फगुनाहट छाए
मनवा नाचे

होली त्यौहार
भेद-भाव मिटाए
मन मिलाए

-जेन्नी शबनम
 


 


गुझिया मीठी
काँजी ठंडाई भाँग
स्वाद दे होली

प्रकृति होली
पुष्प पल्लव रंगे
मादक हवा

-ज्योतिर्मयी पंत

 

बैरी फागुन
नित नित मोह से
स्वांग रचाए

होली की ऋतु
रंग रंग बरसे
नेह नहाए

-सोनल रस्तोगी

 

 

भीगते मन
फगुनाया मौसम
होली के रंग

भंग के संग
फागुन का मौसम
होली के चंग

-सरस्वती माथुर

प्यार का ताना
मीठी तेरी ठिठोली
होली है होली

ब्रिज सी राधा
कन्हैया हुआ मन
खेलूं मैं होली

सभी पे छाई
मस्ती ठिठोली भंग
होली के रंग

चंग की थाप
फागुन के रसिया
मस्तों की टोली

मधुसूदन बोहरा
५ मार्च २०१२

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