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होली है!!

 

होली के बहाने
(चार क्षणिकाएँ)



होली के बहाने
आ जान मिलने
एक रस्म निभाने तुम


लगाकर आग
कहने लगा फाग
क्या बात है


जीवन है एक उमंग
भर लो इसमें तुम
यदि प्यार वाला रंग


पानी में रंग नही
जाकर सबसे मिले
कभी कोई जंग नहीं

सुषमा भंडारी
२१ मार्च २०११

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