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होली है!!

 

रंग बरसे
(दस हाइकु)



रंग बरसे
पर मन तरसे
पिया बिदेस


जी में सवाल
गालोँ पर गुलाल
लगाये कौन


घर से दूर
यह पहली होली
मन अशांत


आया फागुन
तन में गुन गुन
महके मन


भंग का रंग
चढ़ा है चारों ओर
मन में उमंग


आ गयी होली
हर घर आंगन
सजी रंगोली

७.
होली का मौका
रंगों की बरसात
मित्रों का साथ

८.
फिर से उड़े
आसमान में रंग
हो गए दंग

९.
टेसू के फूल
भंग और ठंडाई
मुझको भाई

१०.
ढोलक बजी
हर हथेली पर
मेंहदी रची

मंजु मिश्रा
२१ मार्च २०११

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