होली है!!
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होली है
होली |
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रंग की फुहार में,
फागुनी बयार में
बच्चे जवान बूढ़े कर रहे ठिठोली
मानिए न आज बुरा, होली है होली
छटा में गुलाल-रंग
भिगो रहे अंग-अंग
गीत गा लुभाय रही मस्तों की टोली
मानिए न आज बुरा, होली है होली
आज न कोई दूर है
प्यार भरपूर है
रिश्तों में है मिठास गुझिया ने घोली
मानिए न आज बुरा, होली है होली
भूल राग और द्वेष
भूल देश और भेष
सबका मन मोह रही कोयल की बोली
मानिए न आज बुरा, होली है होली
- हितेश शर्मा 'पथिक'
१४ मार्च २०११ |
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