मातृभाषा
के प्रति
हमारी आन
है हिंदी
हमारी आन है हिन्दी, हमारी शान है हिन्दी
हमारे प्यारे हिन्दोस्तान की पहचान है हिन्दी
हमारी माँ है हिन्दोस्तान की धरती जहाँवालो
हमारी जात हिन्दी, धर्म है ईमान है हिन्दी
समूचा ज्ञान हमने हिन्दी के कदमों में पाया है
हमारा वेद है हिन्दी, हमें कुरआन है हिन्दी
हमें हिन्दोसितां को फिर वही दर्जा दिलाना है
कि हिन्दोस्तान के उत्थान का ऐलान है हिन्दी
सभी भारत की भाषाओं की है हिन्दी बड़ी दीदी
महब्बत से सभी बहनों का रखती ध्यान है हिन्दी
रवि कांत 'अनमोल'
१२ सितंबर २०११ |
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