मातृभाषा
के प्रति
हिंदी का
परचम लहराएँ
आओ मिलके कसम ये खायें
हिंदी को स्थान दिलाएँ,
जन-जन तक इसको पहुँचाकर
आओ अपना वचन निभाएँ,
पूरब, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण
हिंदी का परचम लहराएँ,
इस भाषा के चाहने वालों
यादगार ये दिवस बनाएँ,
दुनिया भर के हिंदी भाषी
इसको नत मस्तक हो जाएँ।
-भावना कुंअर
१२ सितंबर २०११ |
|
|
|