हिंदी
राष्ट्रभाषा, राजभाषा
देश का अभिमान हिंदी।
गढ़ रही प्रतिमान नित नव
भारती की शान हिंदी।
व्याकरण औ' वर्तनी
सबसे अनूठी और न्यारी
जो सबल साहित्य रचकर
बन रही है और प्यारी
कर रही है विश्व भर में
देश का गुणगान हिंदी।
एकता के सूत्र में रख
प्यार की राहें दिखाती
एक थे हम, एक हैं हम
एक ही हैं, यह सिखाती
हमें शुभ संस्कार देती
है हमारी जान हिंदी।
विश्व की भाषा बनेगी
है अटल विश्वास मन में
एक दिन छा कर रहेगी
हर दिशा में, भू-गगन में
नये शिखरों पर चढ़ेगी
देश का सम्मान हिंदी।
- त्रिलोक सिंह ठकुरेला
१ सितंबर २०१५
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