मैं हिंदी
हूँ हिंद की शान
संस्कृत बृज अवधी से सुवासित,
मैं हिंदी हूँ हिंद की शान।
बीते सात दशक आजादी,
अब तक क्यों न
मिली पहचान।
दुनिया के सारे देशों में,
मातृभाषा का प्रथम स्थान।
उर्दू, आंग्ल, फ़ारसी सबको,
आत्मसात कर दिया है मान।
हिंदी दिवस मनाता अब भी,
मेरा लाडला
हिन्दुस्तान
मैं हूँ स्वामिनी अपने घर की,
भाषा दूजी करती राज।
लज्जा आती मुझे बोलकर,
इंगलिश के सर धरते ताज
मातृभाषा भले तुम्हारी,
करते इंगलिश का
सम्मान।
- सीमा हरि शर्मा
८ सितंबर २०१४
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