मातृभाषा के प्रति

 

 

 

 

चाँद चढ़ेगा हिन्दी का

सुशोभित जब तलक है भारती के भाल पर बिन्दी
रहेगी राष्ट्रभाषा तब तलक इस देश की हिन्दी
हमारी आन है हिन्दी, वतन की शान है हिन्दी
हकीकत तो यही है हिन्द की पहचान है हिन्दी

हो कोई पूर्वांचल से या कि पश्चिम मरुधरा वासी
दिशा उत्तर का कश्मीरी या दक्षिण आंध्र मद्रासी
भले हिन्दू हो, मुस्लिम हो, हो सिख या पारसी, सिन्धी
हमारी राष्ट्रभाषा है, रहेगी सर्वदा हिन्दी

इसकी अस्मिता पर आँच हम आने नहीं देंगे
गौरव राष्ट्रभाषा का कभी जाने नहीं देंगे
हो हिन्दी विश्व की भाषा यही मन की पिपासा है
कहो सब गर्व से हिन्दी हमारी राष्ट्रभाषा है ।

-ताऊ शेखावटी
९ सितंबर २०१३

 

   

 

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