मातृभाषा के प्रति
हिन्दी में बिलैती में कहाँ प्यारे जो मीठा स्वाद हिन्दी में दिलों के भाव को भी हैं मिले अर्थात हिन्दी में वहाँ काँधे उचकते हैं, यहाँ सीधी-सरल बोली चलो इस देश को फिर से करें आबाद हिन्दी में -कुँवर प्रीतम ९ सितंबर २०१३
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