हिन्दी हिन्दुस्तान
चाहिए
हिन्दी अपनी शान है, जन-जन की आवाज़
पर सम्मान मिला नहीं, मिल तो गया स्वराज
मिल तो गया स्वराज, भारती नहिं अपनाई
गया विदेशी राज, मगर अंग्रेजी भाई
शोभित ऊँचे स्थान, शीश पर जैसे बिंदी
करना हमें प्रयास, राष्ट्रभाषा हो हिन्दी
हिन्दी भारत भारती, हो इसका सम्मान
हर जन अपनाये इसे, वाणी मात समान
वाणी मात समान, सभी इसको अपनाएँ
सीखें भाषा और, ज्ञान विस्तार कराएँ
पर समझें नहिं हेय, सजे निज माथे बिंदी
अखिल विश्व में आज, ख्याति पाती है हिन्दी
भाषा हिन्दी सरल है, शुद्ध व्याकरण ज्ञान
जैसा उच्चारण करें, वैसा लेख विधान
वैसा लेख विधान, मधुर स्वर -व्यंजन इसके
सरस शब्द भंडार, सभी विषयों के जिसके
कठिन नहीं अभ्यास, करे पूरी अभिलाषा
कर देखें विश्वास, मान के अपनी भाषा
ज्योतिर्मयी पंत
९ सितंबर २०१३
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